केके पाठक के विभाग ने फिर से अभिभावक एवं स्टूडेंट की बढ़ाई टेंशन, अब इन स्कूलों की TC होगी अमान्य

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Bihar Government School KK Pathak : अगर आपका भी बच्चा सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करता है। तो आपको बता दे की केक के पाठक का विभाग बिहार में बदहाल शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। ऐसे में आप सभी को बता दें कि शिक्षा विभाग का बिना पंजीयन कराए चल रहे। निजी स्कूलों पर नकेल कसने की तैयारी में जुटे हुए हैं।आपको बता दें कि निजी स्कूल संचालकों को अब ई – शिक्षा पोर्टल पर पंजीयन करने होंगे।

अगर वे ई -शिक्षा पोर्टल पर पंजीयन नहीं करते हैं तो उनके द्वारा स्टूडेंट को जारी किए जाने वाले टीसी अमान्य होंगे और वह जारी करते हैं। तो वह अपराध श्रेणी में माने जाएंगे बता दें कि विभाग उन पर फर्जी टीसी जारी करने के आप में निजी स्कूल के संचालकों पर प्राथमिकी भी कर सकते हैं।

Bihar Government School KK Pathak : मात्र 856 पंजीकृत निजी स्कूल जिले में है

बता दे की जिला शिक्षा कार्यालय के मुताबिक जिले में कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई करने वाले 3500 स्कूल संचालित हो रहा है।इनमें मात्र 856 निजी स्कूलों ने ही ई – शिक्षा पोर्टल पर पंजीयन कराए हैं। बता दें कि विभाग का कहना है की गली मोहल्ले में कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई करने वाले निजी स्कूल संचालित किया जा रहा है। इन स्कूलों में ना तो स्पेस होते हैं और न ही स्टूडेंट की सुरक्षा को लेकर कोई व्यवस्था होते हैं।

बता दे की स्कूल करकट संचालित किया जा रहा है इनके पास स्टूडेंट के खोलने के लिए परिसर भी नहीं होते हैं।ऐसे में अभिभावकों को भ्रमित कर स्टूडेंट को नामांकन कर लिए जाते हैं। ऐसे स्कूलों को टीसी जारी करने का कोई अधिकार नहीं होते हैं। क्योंकि इनके पास सरकार द्वारा जारी पंजीयन नंबर उपलब्ध नहीं होते हैं।

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नवोदय विद्यालय में एक बच्चे का नामांकन नहीं हो पाया

बता दे की जिला शिक्षक कार्यालय के अधिकारी बताए हैं कि पिछले महीने पटना शहर के निजी विद्यालय में पढ़ रहे हैं। पांचवी कक्षा के बच्चों ने नवोदय स्कूल में कक्षा 6 में नामांकन के लिए प्रवेश परीक्षा दिए थे। ऐसे में वह प्रवेश परीक्षा में पास भी कर गए थे। उक्त निजी विद्यालय ने बच्चों को पांचवी कक्षा का टीसी भी जारी कर दिए थे।

बता देंगे नवोदय स्कूल में नामांकन लेने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी का साइन चाहिए थे। जब उक्त निजी विद्यालय की सूची जब ई -शिक्षा पोर्टल पर देखे गए तब उसका नाम कहीं नहीं मिले। ऐसे में विद्यालय की लापरवाही के कारण बच्चे का नवोदय विद्यालय में नामांकन नहीं हो पाए। इस तरह के हजारों निजी स्कूल है जो बच्चों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं।

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डीईओ ने की अभिभावकों से अपील

बता दें कि जिला शिक्षा अधिकारी संजय कुमार ने अपने शब्दों में कहें कि बिना पंजीयन के चल रहे निजी स्कूलों पर कार्रवाई किए जाएंगे।ऐसे में अभिभावकों से अपील है कि वे अपने बच्चों का नामांकन करने से पहले उक्त निजी स्कूल के बारे में पता कर ले कि वह विभाग से पंजीकृत है या फिर नहीं।

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